ॐ भूर्भुवस्वः ।
तत सवितुर्वरेण्यं ।
भर्गो देवस्य धीमहि ।
धियो यो नः प्रचोदयात ॥

“Om, Almighty Supreme Sun (God)
Impel us with your divine brilliance
So that we may attain a noble understanding of Reality.

देव शक्‍तियों के साथ गायत्री मंत्र को संयुक्‍त करके जाप करनेसे अति प्रभावशाली प्रमाण देखने को आता है । इसके लिये विशेष रुप से किसी नियम की आवश्यकता नहीं है। इस मंत्र को किसी भी समय जप कर सकते हैं। नियमित जप करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
 
श्री गणेश गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्‍महे वक्रतुंडाय धीमहि
तन्‍नो दंति प्रचोदयात्‌ ॥
इस मंत्र को जाप करने से जटिल कार्यों में सरलता आती है तथा सभी प्रकार के विघ्नों का निवारण होता है।

श्री हनुमान गायत्री मंत्र
ॐ अंजनी जाय विद्‍महे वायुपुत्राय धीमहि
तन्‍नो हनुमान प्रचोदयात्‌ ॥
Om, Let me meditate on the son of Anjana,
Oh, son of god of air, give me higher intellect,
And let Hanuman illuminate my mind.
  इसके नियमित जप से कर्त्तव्य और कर्म की भावना का उदय होता है एवं हनुमानजी की कृपा से उसे पूर्ण करने की शक्‍ति मिलती है।
 
श्री सूर्य गायत्री मंत्र
ॐ भास्कराय विद्‍महे महातेजाय धीमहि
तन्‍नो सूर्यः प्रचोदयात्‌ ॥
शारीरिक रोग एवं विकार को दूर करने के लिये इस मंत्र का नियमित प्रातःकाल सूर्योदय के बाद, पूर्वाभिमुख हो कर जाप करना चाहिये ।

श्री चन्द्र गायत्री मंत्र
ॐ क्षीरपुत्राय विद्‍महे अमृततत्त्वाय धीमहि
तन्‍नो चन्द्र: प्रचोदयात्‌ ॥
Om, Let me meditate on the son of milk,
Oh, essence of nectar, give me higher intellect,
And let moon God illuminate my mind.
प्रतिदिन १०८ बार जाप करनेसे मानसिक क्लेश, चिन्ता, अवसाद एवं निराशा से मुक्‍ति मिलती है।

श्री वरुण गायत्री मंत्र
ॐ जलबिंबाय विद्‍महे नीलपुष्पाय धीमहि
तन्‍नो अम्बुः प्रचोदयात्‌ ॥
Om, Let me meditate on the reflection of water,
Oh, person of ocean blue, give me higher intellect,
And let the God of water illuminate my mind.
इस मंत्र को नियमित निष्ठापूर्वक जाप करने से पति-पत्नी के बीच कभी क्लेश नहीं होता है, यदि क्लेश हो तो कुछ ही दिनों के जप के पश्‍चात्‌ दूर हो जाता है।
Previous
Next Post »