श्री बाबा मस्तनाथ चरितं
पहला सर्ग
परब्रम आदिनाथ का अवतार मछिंदर नाथ हुए जो नित्य नाथ नाम से भी जाने जाते है तथा मछिंदर नाथ जी के शिस्ये श्री गोरक्ष नाथ जी भी आदिनाथ के अवतार माने जाते हैं , जिन्होंने अपनी अलोकिक योग शक्ति से जगत मैं अनेक चमत्कार दिखाए तथा दीनों का उद्धार किया | उन्होंने ही अपना पंथ चलाया जो आज भी नाथ सम्प्रदाय के नाम से प्रसिद्द है | वही गोरक्ष नाथ जी एक बार तपस्या करते हुए एक वन मैं जा ठहरे | वे वन मैं विचरण कर रहे थे , उसी समय उन्हें एक करुण क्रंदन सुनाई पड़ा| उन्होंने शिष्य को अन्वेषण हेतु भेजा | शिष्य आदेश पाते ही ध्वनि का अनुशरण करता हुआ एक कूप के पास पंहुचा , जिस तरफ से आवाज़ आ रही थी | उसके बाद शिष्य ने गुरूजी के पास जाकर सारा हाल सुनाया | तब गुरुदेव उस कूप के समीप पहुचे और उन्होंने पूछा कि कूए मैं देव असुर तथा योगियो मैं से
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